आज अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। आज के दिन को विजय दशमी के रूप में मनाया जाता है। क्योकि विजय दशमी के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत होती है और इसलिए यह पर्व मनाया जाता है। आज के दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है और वह इसी बात का प्रतिक माना जाता है। इस बात से सब वाकिफ है कि नकारात्मक ऊर्जा पर हमेशा सकारात्मक ऊर्जा यानी कि शक्ति की हमेशा जीत होती है।
विजय दशमी को अबूझ मुहूर्त के रूप में भी मनाया जाता है। अगर आज के दिन किसी भी मंत्र जाप या अनुष्ठान का आरंभ यदि किया जाए तो उसमे पूर्ण सफलता मिलती है। पौराणिक ग्रंथो के हिसाब से ऐसी मान्यता है किविजयदशमी के दिन ही देवी दुर्गा ने महिषासुर नाम के राक्षस का वध किया था।
अगर आप व्यापार में फंसे हुए धन को वापस पाना चाहते हो तो विजय दशमी के दिन लक्ष्मी नारायण भगवान के मंदिर में नंगे पैर घर से जाए। इसी के साथ में 11 गुलाब के फूल और चंदन का इत्र तथा एक कमलगट्टे की माला भगवान लक्ष्मी नारायण को अर्पण करे। एवं अपने व्यापार में फसे हुए धन की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करे।
कई लोग बहुत मेहनत करने के बावजूद भी अपनी नौकरी में उन्नति नहीं पा रहे। आज के दिन अपनी नौकरी में उन्नति पाने के लिए एक सफ़ेद कच्चे सूत को केसर से रंगे एवं ॐ नमो नारायण मंत्र का 108 बार जाप करके अपने पास रखे।
आप अपनी उधार दी हुई धन की प्राप्ति करना चाहते है तो आज का दिन बहुत शुभ है। रुका हुआ पैसा वापस पाने के लिए लक्ष्मी नारायण भगवान को दो कमल के फूल और दो हल्दी की गांठ अर्पण करे।
अपनी संतान की उन्नति के लिए 11 हरी दूर्वा की पत्तियां और पांच लाल गुलाब के फूल गं मंत्र का जाप कराकर भगवान गणपति को अर्पण करवाए।
विजय दशमी के दिन संतान प्राप्ति की बाधा को खत्म करने के लिए पीले आसान पर बैठकर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करे एवं बच्चों को पीली मिठाई खिलाए।
अगर आपका बच्चा गलत आदतों का शिकार है तो आज के दिन दोपहर में विष्णु स्तोत्र का 3 बार पाठ करे और भगवान विष्णु को केसर का तिलक करे इसी तिलक को प्रसाद के रूप में बच्चों के माथे पर लगाए।
जमीन जायदाद की समस्या को हल करने के लिए मंगल देव के 21 नामों का लाल आसान पर बैठकर दक्षिण दिशा में मुँह करके पाठ करे।
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