हर देवी देवता के लिए एक विशेष प्रसाद होता है जो उन्हें बहुत पसंद होता है। जानिये यह दिलचस्प जानकारी:
यह बात तो सब जानते है कि गणेश जी को मोदक और लड्डू बहुत अच्छा लगता है। इसके अलावा आप उन्हें बूंदी के लड्डू भी अर्पित कर सकते है। गणेश जी को गन्ने की गडेरी, जामुन, सुखी गरी और गुड़ बहुत ही प्रिय होता है।
भगवान श्रीराम जी को केसर युक्त खीर बहुत पसंद है और भोजन के साथ में कलाकंद बहुत पसंद है।
विष्णु जी को किशमिश का भोग लगाना चाहिए। साथ ही में आंवले का भी भोग लगाना बहुत ही शुभ होता है। खीर में सूखे मेवे डालने चाहिए और अंत में तुलसी जरूर से डाले। इसको पहले उत्तम प्रकार से बनाए और फिर विष्णु जी को भोग लगाने के बाद में वितरित करे।
श्री शिवजी को भांग और पंचामृत जो कि दूध, दही, शहद, गंगा जल, घी से बनता है और शिवजी को बहुत पसंद होता है। श्रावण मास में शिवजी का उपवास रखकर उनको गुड़, चना और चिरौंजी के अलावा दूध अर्पित करने से सभी तरह की मनोकामना पूरी होती है।
हनुमान जी को हलुआ, लाल एवं ताजे फल, गुड़ से बने हुए लड्डू, गुड़ धनिया और तुलसी दल अर्पित करते है। शुद्ध देसी घी से बने हुए बेसन के लड्डू भी बहुत पसंद है।
जैसा कि हम जानते है लक्ष्मी जी को धन की देवी माना जाता है। इसके बिना सभी चीजे व्यर्थ है। अगर लक्ष्मी जी को प्रसन्न करना है तो उनके प्रिय पसंदीदा भोग लक्ष्मी मंदिर में जाकर अर्पित करे। लक्ष्मी जी को सफ़ेद एवं पीले रंग के मिष्ठान बहुत पसंद है।
माता सरस्वती को दूध, पंचामृत, दही, मक्खन, सफ़ेद तिल के लड्डू तथा धान का लावा पसंद है। सरस्वती जी को यह किसी भी मंदिर में जाकर अर्पित करना चाहिए।
भगवान श्रीकृष्ण को माखन और मिश्री का भोग बहुत पसंद है।
देवी दुर्गा को शक्ति की देवी माना जाता है। दुर्गा जी को प्रसाद के रूप में खीर, मालपुए, मीठा हलुआ, केले, नारियल, धान का लावाऔर मिष्ठान बहुत पसंद है। यदि आप माता के भक्त हैं तो बुधवार और शुक्रवार को पवित्र रहकर माताजी के मंदिर जाएं और उन्हें ये भोग अर्पित करें।
काली माता और भगवान भैरवनाथ को लगभग एक ही जैसा भोग लगता है। हलुआ, पूरी और मदिरा उनके प्रिय भोग है। अमावस्या के दिन काली माता या भैरव मंदिर में जाकर उनकी प्रिय वस्तुए अर्पित है। इसके अलावा इन्हे इमरती, जलेबी और पांच तरह की मिठाइयाँ भी अर्पित की जाती है।
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