धुप बहुत सी प्रकार की होती है तंत्रसार के अनुसार सोलह प्रकार की धुप मानी जाती है वो है अगर, तगर, कुष्ठ, शैलज, शर्करा, नागरमाथा, चंदन, इलाइची, तज, नखनखी, मुशीर, जटामांसी, कर्पूर, ताली, सदलन और गुग्गल। इसे षोडशांग धुप कहते है।
गुग्गल धुप का उपयोग सुगंध, इत्र एवं औषधि में भी किया जाता है। इसकी महक बहुत मीठी होती है और आग में डालने पर वह स्थान भी सुगंधित हो जाता है। गुरूवार के दिन धुप घर में जलानी चाहिए। आज के लेख में जानिये गुग्गल धुप कौन कौन से फायदे देती है।
गुग्गल की धुप की मदद से मस्तिष्क का दर्द और उससे संबंधित सभी प्रकार के रोगों का नाश हो जाता है। दिल के दर्द में भी इसे बहुत लाभदायक माना जाता है।
घर में साफ़ सफाई रखे और पीपल के पत्ते से सात दिन तक घर में गौमूत्र के छींटे मारे एवं तत्पश्चात शुद्ध गुग्गल की धूप जला दे। इससे घर में किसी ने कुछ कर रखा होगा तो वह दूर हो जाएगा।
हफ्ते में एक बार किसी भी दिन घर में कंडे जलाकर गुग्गल या गुग्गुल की धूनी देने से गृह कलह शांत होते है।
अगर आपको भी किसी भी प्रकार का तनाव है या चिंता है तो गुग्गुल की धुप से राहत मिलेगी। इससे रात में अच्छी नींद भी आती है।
ऐसा माना जाता है कि इस धुप से पारलौकिक या दिव्य शक्तियां आकर्षित होती है और व्यक्ति को उनसे मदद मिलती है। गुरूवार के दिन किसी भी मंदिर या फिर समाधि पर इसकी धुप लगाए। इस धुप को देवताओं के निमित्त ही देनी चाहिए।
सबसे पहले एक कंडा जलाए। उसके बाद में जब अंगारे ही रह जाए तब उसके ऊपर गुग्गुल डाल दे। ऐसा करने से पुरे घर में एक सुगंधित धुआं फैल जाएगा। अक्सर यह धूप गुरूवार और रविवार को दी जाती है।
Like and Share our Facebook Page.